विशाल मिश्रा
सागर बहुत ही स्मार्ट और हैंडसम लड़का है। उसका स्वभाव भी सूरत के ही अनुरूप। जो भी व्यक्ति सागर से पहली बार बात करता है, प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। यही कारण है कि कॉलेज लाइफ से लेकर आज तक उसे पसंद करने वाली लड़कियों की फेहरिस्त काफी लंबी है।
इन दीवानी लड़कियों के साथ घूमना-फिरना, पार्टी, मौजमस्ती और फिर नई की तलाश में लग जाना सागर की सबसे बड़ी कमजोरी है। लड़कियां भले ही उस पर जान छिड़कें लेकिन उसने कभी किसी लड़की को ज्यादा भाव नहीं दिया। कारण पूछो तो कहता है एक ड्रेस को आखिर कितने दिन पहने रखा जा सकता है।
लेकिन घर के पड़ोस के फ्लैट में पढ़ाई के लिए दूसरे शहर से रहने आई पीहू को देखकर सागर का दिल बस में नहीं और दूसरी लड़कियों की तरह पीहू भी उस पर मर मिटी। लेकिन पीहू को उसने गंभीरता से लिया। बस यहीं से सागर का दिल बदला और पीहू की खातिर उसने खुद को बदलने की सोची।
पीहू को अपने बारे में सब सच-सच बताकर उससे वादा किया कि अब वह लड़कियों को इस तरह से परेशान नहीं करेगा और उनसे अपनी गलतियों के लिए माफी भी माँग लेगा। सागर ने ऐसा किया भी। वाकई पीहू के प्यार ने उस पर जादू कर दिया था।
एक दिन पीहू के शहर का लड़का उमेश आया और उसे यह बोलकर परेशान करने लगा कि पीहू उसकी प्रेमिका है। जबकि पीहू उसको जानती तक नहीं थी। काफी वाद विवाद के बाद नौबत मारपीट तक आ गई। उमेश को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
इधर पीहू का कोर्स खत्म होने को था जब सागर ने शादी के लिए पीहू की मर्जी जाननी चाही तो उसने मम्मी-डैडी की पसंद का हवाला देकर शादी करने से मना कर दिया। पीहू की बात मानकर सागर ने शादी की जिद छोड़ दी और पीहू मिलते रहने का वादा कर अपने शहर चली गई।
बाद में लाख कोशिश करने पर भी सागर का पीहू से कांटैक्ट नहीं हो पा रहा था। एक रोज उमेश आकर सागर से मिला। और पीहू के वास्तविक जीवन के बारे में उसने उमेश को बताया जिसे सुनकर सागर हक्काबक्का रह गया। उमेश के अनुसार पीहू भी सागर जैसी ही लड़की थी जोकि अपने चक्कर में लड़कों को फँसाकर उन्हें बुद्धू बनाती रहती थी। उसकी इन्हीं आदतों से परेशान होकर माता-पिता ने उसे शहर से दूर पढ़ाई के लिए भेजा था।
आज सागर दिल से बहुत दुखी था और सोच रहा था कि जब मैं लड़कियों को बेवकूफ बनाता था तो मेरे साथ कोई ऐसा धोखा नहीं कर सका लेकिन जब मैंने सुधरना चाहा तब मेरे साथ धोखा हुआ। सागर को प्यार भरी जिंदगी देने वाले शख्स ने ही दुख-दर्द दिया था।
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