मंगलवार, 28 जून 2011

खुद को मिटा रहे हैं, किसके लिए?


हेलो दोस्तो! कई बार यह जानते हुए भी कि जो आप कर रहे हैं उससे कुछ हासिल नहीं होने वाला है फिर भी वही करते चले जाते हैं। यूं तो उम्मीद की आस नहीं छोड़ना अच्छी बात है पर जिस झूठी आशा से जिंदगी तबाह होती हो उससे तो कहीं बेहतर है हकीकत की दुनिया में लौट आना।

किसी चमत्कार के इंतजार में जीना कई बार आपको बेहद खौफनाक मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है। इसीलिए सच्चाई को जितनी जल्दी पहचान लें उतना बेहतर। अनुराग (बदला हुआ नाम) भी कुछ ऐसी ही गंभीर परिस्थितियों में पड़कर दिशाहीन हो चुके हैं। पूरा का पूरा सच सामने होते हुए भी वह सपनीले संसार के इंतजार में हैं। उन्हें लगता है उनकी दिल की तड़प रंग लाएगी और उनका सपना वास्तविकता में बदल जाएगा।

दरअसल, अनुराग अपनी बहुत दूर की रिश्तेदार से प्रेम करते हैं और वह लड़की भी प्यार का दम भरती है पर लड़की के घर वाले इस रिश्ते के बिलकुल खिलाफ हैपरिवार वालों ने लड़की को अनुराग से दूर रखने के लिए पढ़ाई के नाम पर दूसरे शहर भेज दिया है और साथ ही लड़की को यह भी जता दिया है कि वह किसी भी हालत में उनकी शादी अनुराग से नहीं होने देंगे। तुर्रा यह कि लड़की ने भी ऐलान कर दिया है कि यदि मां-बाप राजी नहीं हैं तो वह शादी नहीं करेगी। फिर भी उसका दावा है कि वह अनुराग से बेहद प्रेम करती है। और मजे की बात यह है कि अनुराग भी केवल उसके दावे को ही याद रखना चाहता है। परिवार के खिलाफ वह कभी नहीं जाएगी यह बात वह अपने दिमाग से मिटा देते हैं।

प्यार में खुद को मिटाने का विकल्प आप कैसे चुनें जब दूसरा मजे में जी रहा हो।
अनुराग जी, यह सच है कि मनुष्य कभी अप्रिय सत्य स्वीकार नहीं करना चाहता है पर जीवन की गाड़ी हमेशा भ्रम के सहारे नहीं चल सकती। आपको हकीकत का सामना तो हिम्मत के साथ करना ही पड़ेगा। यदि भ्रम से जीवन को सहारा मिलता है तब तो उसे बनाए रखने की सलाह आपको कोई दे भी दे पर यदि यह भ्रम आपको दीमक की तरह अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है तो ऐसी धुन पाले रखने का सुझाव आपको शायद ही कोई देगा। आपके सिर में भयानक पीड़ा होती है और आप अनिद्रा के शिकार हो चुके हैं। इस प्रकार अपना स्वास्थ्य नष्ट करना, अपने शरीर व आत्मा को इतना कष्ट देना उचित नहीं है। यह अपने शरीर और मन के साथ जुल्म है।

आप अपना जीवन जितनी भी यातनाओं से भर लें पर वह लड़की आपको नहीं मिलने वाली है। उसके दिमाग में यह बात एकदम साफ है कि वह अपने परिवार के विरुद्ध नहीं जाएगी। यह उसने आपको ईमानदारी से जता भी दिया है। अगर वह यह भी कहती है कि वह आपको प्यार करती है तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। ऐसा मुमकिन है कि वह साथ तो परिवार का दे और प्यार आप से करे। दरअसल, उसमें जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं है। फिर वह अभी पढ़ रही है इसलिए अपने परिवार के खिलाफ जाना उसके लिए संभव भी नहीं है।

आपको इस बात से खुश होना चाहिए कि वह सच्चाई का दामन थामे खड़ी है और आपको गुमराह नहीं कर रही है। वह आपको बेवकूफ बनाने के लिए यह कह सकती थी कि इंतजार करो। पर, उसने ऐसा नहीं किया है। आपने लिखा है कि वह कहती है कि वह आपके बिना नहीं रह सकती है पर व्यावहारिक रूप में आप देखें तो यह सच नहीं है। वह आपसे दूर रहकर आराम से अपनी पढ़ाई कर रही है। आप उसके कहने को अपना अरमान बनाए बैठे हैं। हमेशा जुबान से कह देने भर से सबकुछ वैसा ही नहीं हो जाता है। कहे अनुसार एक्शन भी लेना पड़ता है पर आपकी दोस्त केवल अपने उसी कथन को वास्तविकता में बदलती हुई दिख रही हैं जो वह अपने परिवार के लिए कहती हैं।

हो सकता है अभी उसके लिए यह सोचना अटपटा लग रहा हो कि वह किसी और को कैसे प्रेम कर पाएगी पर जब उसने घर वालों की पसंद से शादी का मन बना लिया है तो वह शादी भी कर लेगी और घर भी बसा लेगी। उसके यह कहने में कोई दम नहीं है कि वह आपके बिना रह नहीं सकती है। आपके अकेले चाहने से तो यह शादी नहीं हो सकती है। अगर वह आपका साथ देती तो आप कुछ आस पाल भी सकते थे पर उसने अपनी मजबूरी और इरादा दोनों ही बता दिए हैं।

आपकी भलाई इसी में है कि आप भी इस हकीकत को मानकर आगे बढ़ जाएं वरना, सिवाय बरबादी के आपके हाथ कुछ नहीं लगेगा। यदि वह साथ देती तो चाहे आप पूरी दुनिया से पंगा ले लेते पर अब आपका फर्ज अपने घरवालों के लिए भी बनता है। आपको इस प्रकार घुल-घुलकर मरते देखकर उन्हें कैसा लगेगा यह विचार आपके मन में आना चाहिए। अपने आप पर दया नहीं आती है तो कम से कम अपने माता-पिता पर दया करें।

एक बात और याद रखें, आप चाहे अपना जितना भी बुरा हाल कर लेंगे उससे आपकी दोस्त का फैसला नहीं बदलेगा। अपने मां-बाप की रजामंदी के बिना वह आपके साथ शादी के विचार से कतई सहमत नहीं है। इतने बड़े सच को नकारना सही नहीं है। आप जिस समय यह स्वीकार लेंगे कि यह शादी किसी कीमत पर नहीं हो सकती है। आप पीड़ा के बावजूद इस काल्पनिक बंधन से मुक्त हो जाएंगे। अपने आपको मुक्त करें और आगे बढ़ें। सुंदर जीवन आपके स्वागत में है।

कोई टिप्पणी नहीं: