हेपेटाइटिस के चलते होने वाले रोगों से बच्चों को बचाने के लिए हेपेटाइटिस बी के इंजेक्शन को अब नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया गया है। अब सरकारी अस्पताल में बच्चे के जन्म लेने के 24 घंटे के भीतर ही हेपेटाइटिस बी के इंजेक्शन को लगाया जाएगा। इसके अलावा नियमित रुप से चलने वाले टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भी बच्चों को निशुल्क यह टीका लगाया जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकार के नियमित टीकाकरण में अभी तक हेपेटाइटिस बी के इंजेक्शन लगाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस रोग से बचने के लिए केवल प्राइवेट चिकित्सकों द्वारा ही यह टीका लगाया जाता रहा है। कुछ स्वैच्छिक संगठनों द्वारा समय समय पर शिविर लगाकर रियायती दरों पर हेपेटाइटिस का टीका लगाया जाता था। हेपेटाइटिस का यदि समय रहते उपचार न किया जाए तो यह आगे चल कर कैंसर आफ लीवर तथा सियोयसिस जैसे खतरनाक रोगों को जन्म दे सकता है। हेपेटाइटिस के चलते क्रोनिक इंफैक्शन भी हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से हेपेटाइटिस को नियमित टीकाकरण में शामिल किए जाने का प्रस्ताव और मांग की जाती रही है। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए अब हेपेटाइटिस को नियमित टीकारण में शामिल करने का निर्णय लिया है। आगामी दिसंबर माह से होने वाले टीकाकरण कार्यक्रम मे तहत अब बच्चों को यह टीका अनिवार्य रुप से लगाया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी के बाद पैदा हुए बच्चे को 24 घंटे के भीतर तर डीपीटी की डोज के साथ यह टीका लगाया जाएगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आरके गुप्ता ने बताया कि जिले के जिला महिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवबंद एवं फतेहपुर में ही फिलहाल इस टीके को लगाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि बच्चे की जांघ के अगले भाग में टीका लगाया जाएगा। हेपेटाइटिस का टीका लगाने के लिए चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, दिसंबर माह से इस पर कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
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