KAALAMITA
hamesha
रविवार, 1 मार्च 2009
shabad
हाँ शब्द झूठे है सभी सत्ये कथाओ की तरह
वक्त बेशर्म है वैशाओ की अदाओ की तरह
जाने किस का था साया जिसे छूने को
हम भटकते रहे आवारा हवाओ की तरह
प्यार के वास्ते बरसो तरसा है ये दिल
अब तो बरसो कोई सावन की घटाओ की तरह
----- महेश शिवा
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